गोवा इंटरनेशनल : आंध्रप्रदेश के गोपाल कार्तिक बने कैटेगरी बी विजेता
भारतीय ग्रीष्मकालीन शतरंज के इंटरनेशनल टूर्नामेण्ट के दो पड़ाव की समाप्ति के बाद तीसरे पड़ाव की शानदार शुरुआत गोवा के डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, इंडोर स्टेडियम में 18 जून से दूसरी गोवा इंटरनेशनल ओपेन चेस टूर्नामेण्ट के रुप में हो चुकी है। गोवा चेस एसोसिएशन के आयोजन में अपने आधे पड़ाव को पार कर चुकी यह प्रतियोगिता खिलाड़ियों द्वारा हो रहे बड़े उलटफेर से पूरे रोमांच पर है। तीन कैटेगरी ए बी सी ग्रुप में शुरू हुई यह प्रतियोगिता 25 जून तक चलेगी। 18 जून से शुरू हुई बिलो 1999 रेटिंग कैटेगरी में खेली गई ग्रुप बी प्रतियोगिता का शानदार समापन 21 जून को हो गया। कैटेगरी बी वर्ग का खिताब आंध्र प्रदेश के जी गोपाल कार्तिक के सिर सजा। जिन्होंने प्रतियोगिता अपने प्रतिद्धद्धियों को मोहरों की कलाकारी से पटखनी देते हुए 9 शानदार अंक अर्जित किये।
पढ़े नितेश श्रीवास्तव की रिपोर्ट
( सभी तस्वीरे - निकलेश जैन )
18 जून से चार दिनों तक चली कैटेगरी बी की प्रतियोगिता में देश-विदेश के 458 खिलाड़ियों ने अपनी उपस्थित से प्रतियोगिता के रोमांच को एक नई उंचाई प्रदान की। 16 लाख की पुरस्कार राशि वाले इस प्रतियोगिता की फाइनल अंक तालिका में पहले तीन स्थानों पर दक्षिण भारतीय खिलाड़ियों ने अपने शानदार खेल से कब्जा जमा लिया।
10 चक्रों में खेले गए इस टूर्नामेण्ट में शानदार नौ अंक बनाकर विजेता बने आंध्र प्रदेश के जी गोपाल कार्तिक (1766) को चमचमाती ट्रॉफी के साथ दो लाख रुपये की पुरस्कार राशि भी मिली। जी गोपाल ने जहां अपने 9 प्रतिद्धद्धियों को शानदार मात दी। वहीं उन्हें दूसरे राउण्ड के मैच में यूपी के सन्नी मैथ्यू के हाथों एकमात्र हार का भी सामना करना पड़ा। जी गोपाल में अपने खेल से अपनी रेटिंग में भी 55 अंकों की बढ़त हासिल कर ली।
प्रतियोगिता में उपविजेता का खिताब अपने खेल प्रतिभा से सभी को हैरत में डालते हुए तमिलनाडु की महिला खिलाड़ी वाई शरन्या (1966) ने बेहतरीन 8.5 अंक बनाकर अपने नाम कर लिया। दूसरे स्थान पर आने पर वाई शरन्या को डेढ़ लाख रुपये की पुरस्कार राशि और शील्ड देकर आयोजकों ने सम्मानित किया। इस प्रतियोगिता में वी शरन्या के सभी को बता दिया की शतरंज के खेल में एकाग्रता और आत्मविश्वास कितना जरूरी है। और यह खेल अंतिम क्षणों तक संघर्ष करने वाला होता है। क्योंकि अपना पहला ही राउण्ड हारने के बाद वी शरन्या ने प्रतियोगिता में गजब की वापसी की और लगातार पांच राउण्ड जीत में जीत दर्ज कर उन्होंने अपना विजय पताका लहरा दिया। प्रतियोगिता में जहां उन्होंने 8 खिलाड़ियों पर जीत दर्ज की वहीं एक खिलाड़ी को उन्होंने ड्रा पर रोक दिया। इस तरह 8.5 अंक बनाकर वह टूर्नामेण्ट की उपविजेता बनीं।
प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर तमिलनाडु के ही जे कार्तिकेयन (1838) रहे। उन्होंने 8 अंक बनाये। कार्तिकेयन ने 7 मैचों में जीत और अपने दो मैचों को ड्रा कराकर अपनी रेटिंग में 46 अंकों का बड़ा इजाफा किया। कार्तिकेयन को इस उपलब्धि पर एक लाख 25 हजार की पुरस्कार राशि भी मिली।
गोवा शतरंज संघ के अध्यक्ष और राज्य के पावर मिनिस्टर नीलेश कब्राल नें सभी विजेताओं को बधाई दी
उससे पहले इंटरनेशनल योगा डे के दिन हुए इस पुरूष्कार वितरण में योगकला का प्रदर्शन किया गया जिसने सभी को आकर्षित किया
प्रतियोगिता के शीर्ष 10 खिलाड़ी सभी अतिथियों के साथ
Final Ranking after 10 Rounds
Rk. | SNo | Name | Typ | sex | Rtg | Club/City | Pts. | TB1 | TB2 | TB3 | TB4 | TB5 | ||
1 | 79 | Karthik Gopal G | 1766 | AP | 9,0 | 0,0 | 56,0 | 60,0 | 55,50 | 9 | ||||
2 | 6 | Saranya Y | S | w | 1966 | TN | 8,5 | 0,0 | 59,5 | 63,0 | 54,00 | 8 | ||
3 | 47 | Karthikeyan J. | 1838 | TN | 8,0 | 0,0 | 66,5 | 71,0 | 54,00 | 7 | ||||
4 | 14 | Selvamurugan B | 1929 | TN | 8,0 | 0,0 | 63,5 | 68,0 | 51,00 | 7 | ||||
5 | 73 | Pawar Harshit | U13 | 1776 | DEL | 8,0 | 0,0 | 61,5 | 66,0 | 50,50 | 6 | |||
6 | 33 | Sanchit Anand | 1864 | DEL | 8,0 | 0,0 | 61,0 | 65,0 | 49,25 | 7 | ||||
7 | 48 | Uma Maheswaran P | 1836 | TN | 8,0 | 0,0 | 60,5 | 65,0 | 49,50 | 7 | ||||
8 | 16 | Sooraj M R | 1923 | KER | 8,0 | 0,0 | 60,5 | 63,5 | 49,00 | 7 | ||||
9 | 46 | Gajanan Vijay Jayade | 1839 | MAH | 8,0 | 0,0 | 60,0 | 64,5 | 51,25 | 6 | ||||
10 | 20 | Koustav Chakraborty | 1906 | WB | 8,0 | 0,0 | 59,5 | 64,0 | 49,00 | 7 | ||||
11 | 24 | Vijay Kumar | 1891 | HIM | 8,0 | 0,0 | 56,0 | 60,0 | 46,50 | 8 | ||||
12 | 66 | Dave Kantilal | S50 | 1795 | RAJ | 8,0 | 0,0 | 50,5 | 54,5 | 45,50 | 7 | |||
13 | 53 | Mraduhas Tripathi | 1826 | MP | 7,5 | 0,0 | 60,5 | 65,0 | 46,00 | 7 | ||||
14 | 7 | Bakshi Rutuja | S | w | 1960 | MAH | 7,5 | 0,0 | 60,0 | 64,5 | 47,00 | 5 | ||
15 | 36 | Abhishek T M | 1862 | KER | 7,5 | 0,0 | 59,0 | 64,0 | 46,00 | 6 | ||||
16 | 55 | Dere Pushkar | 1825 | MAH | 7,5 | 0,0 | 58,0 | 62,5 | 45,25 | 7 | ||||
17 | 38 | Sharsha Backer | 1858 | KER | 7,5 | 0,0 | 58,0 | 61,0 | 43,25 | 6 | ||||
18 | 95 | Himanshu Moudgil | 1732 | DASCB | 7,5 | 0,0 | 57,5 | 61,5 | 42,50 | 7 | ||||
19 | 29 | Bhosale Shriraj | 1879 | MAH | 7,5 | 0,0 | 56,0 | 61,5 | 46,50 | 6 | ||||
20 | 30 | Abdulkhader A. | 1876 | KER | 7,5 | 0,0 | 55,5 | 60,0 | 43,50 | 6 | ||||
21 | 8 | Shubham Shukla | 1958 | PUN | 7,5 | 0,0 | 55,0 | 59,5 | 41,75 | 7 | ||||
22 | 162 | Krishna Malay | 1594 | MAH | 7,5 | 0,0 | 54,5 | 58,5 | 40,75 | 7 | ||||
23 | 28 | Joy Lazar M.A. | S50 | 1880 | KER | 7,5 | 0,0 | 54,5 | 58,0 | 42,50 | 6 | |||
24 | 39 | Srivastava Mithilesh Kumar | 1857 | DEL | 7,5 | 0,0 | 53,0 | 57,0 | 41,25 | 7 | ||||
25 | 5 | Pradeep Tiwari | 1972 | DASCB | 7,5 | 0,0 | 52,5 | 56,5 | 42,75 | 7 | ||||
26 | 21 | Rishabh Nishad | 1903 | UP | 7,0 | 0,0 | 64,0 | 69,0 | 45,00 | 6 | ||||
27 | 31 | Verma Rahul | 1876 | MAH | 7,0 | 0,0 | 61,5 | 67,0 | 43,75 | 6 | ||||
28 | 35 | Akshay Anand | 1863 | PUN | 7,0 | 0,0 | 60,0 | 64,5 | 42,00 | 6 | ||||
29 | 25 | Ajay Virwani | 1889 | M P | 7,0 | 0,0 | 59,0 | 63,0 | 42,25 | 5 | ||||
30 | 174 | Khedkar Prasad | 1571 | MAH | 7,0 | 0,0 | 59,0 | 62,0 | 39,25 | 6 | ||||
31 | 15 | Sher Singh | 1928 | RAJ | 7,0 | 0,0 | 58,5 | 62,0 | 40,50 | 6 | ||||
32 | 87 | Mughaho Awomi | 1750 | NAG | 7,0 | 0,0 | 58,0 | 62,5 | 39,00 | 7 | ||||
33 | 155 | Sushrutha Reddy | 1608 | KAR | 7,0 | 0,0 | 58,0 | 62,0 | 40,00 | 6 | ||||
34 | 114 | Cheniram Pegu | 1694 | ASS | 7,0 | 0,0 | 58,0 | 62,0 | 39,00 | 7 | ||||
35 | 64 | Pingale Shivraj | U13 | 1797 | MAH | 7,0 | 0,0 | 57,0 | 61,5 | 41,00 | 5 | |||
36 | 70 | Sanjay Chhabra | 1778 | DEL | 7,0 | 0,0 | 57,0 | 61,5 | 39,75 | 6 | ||||
37 | 77 | Chavan Nameet | 1767 | MAH | 7,0 | 0,0 | 55,0 | 59,0 | 38,50 | 6 | ||||
38 | 57 | Nayak Sanjeeban | 1814 | ORI | 7,0 | 0,0 | 54,5 | 59,5 | 40,25 | 6 | ||||
39 | 43 | Sathya Giri V | 1852 | TN | 7,0 | 0,0 | 54,0 | 58,0 | 36,50 | 6 | ||||
40 | 42 | Chudasama Ankit | 1852 | GUJ | 7,0 | 0,0 | 54,0 | 57,5 | 39,25 | 6 | ||||
41 | 19 | Aditya Varun Gampa | U13 | 1906 | TEL | 7,0 | 0,0 | 54,0 | 57,0 | 37,00 | 7 | |||
42 | 54 | Deepak Rai | 1825 | DEL | 7,0 | 0,0 | 53,5 | 57,0 | 39,50 | 5 | ||||
43 | 60 | Sai Kiran Y | 1806 | AP | 7,0 | 0,0 | 53,0 | 57,0 | 37,50 | 5 | ||||
44 | 83 | Neil Franclin S | 1756 | TN | 7,0 | 0,0 | 52,0 | 56,0 | 35,75 | 6 | ||||
45 | 131 | Adireddy Arjun | U09 | 1646 | TEL | 7,0 | 0,0 | 52,0 | 55,5 | 36,75 | 6 | |||
46 | 227 | Mrithyunjay Mahadevan | U11 | 1473 | TN | 7,0 | 0,0 | 52,0 | 54,5 | 36,75 | 6 | |||
47 | 112 | Mayank Sharma Nandkishore | 1701 | DEL | 7,0 | 0,0 | 51,5 | 56,0 | 36,00 | 7 | ||||
48 | 96 | Katiyar Prashant | 1732 | UP | 7,0 | 0,0 | 51,5 | 55,5 | 36,25 | 6 | ||||
49 | 58 | Patil Harshal | 1809 | MAH | 7,0 | 0,0 | 51,0 | 55,5 | 38,00 | 5 | ||||
50 | 109 | Raghvendra Kumar Mishra | 1706 | IAF | 7,0 | 0,0 | 51,0 | 55,0 | 37,00 | 6 |
इस प्रतियोगिता में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला। जब 12वीं मुंबई मेयर कप कैटेगरी बी के विजेता बेस्ट बेंगाल के कौस्तुब चक्रवर्ती (1906) का विजय अभियान गोवा इंटरनेशनल ओपेन चेस में नहीं चल सका। 8 अंक अर्जित करने वाले कौस्तुब ने प्रतियोगिता में पांच राउण्ड तक जीत दर्ज की लेकिन छठें राउण्ड में दिल्ली के संचित आनंद के हाथों मिली एकमात्र हार ने उनके चैम्पियन बनने के सपने को धूमिल कर दिया जिससे अंकतालिका में वह 10वें स्थान पर चले गये।