हम अधिबन की हार से क्या सीख सकते है ?
शतरंज का खेल तब समाप्त होता है जब कोई खिलाड़ी अपने प्रतिद्वंद्वी की मात देता है या फिर बोर्ड में आगे का खेल संभव ना हो मतलब ड्रॉ की स्थिति या जब खिलाड़ी हार स्वीकार कर लेता है और जब कोई आपसी समझौता होता है। कभी-कभी एक प्रतिभागी के मैच के समय पर ना पहुँचने पर आपको वॉकओवर मिलता है लंबे समय से खेल के यही तरीके तय किए गए थे। हालाँकि, हाल ही में तकनीकी विकास के कारण,कुछ नए नियमो को जोड़ा गया है जहाँ किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को अपने साथ ले जाने की मनाही है। मोबाइल फोन, स्मार्ट वॉच, टैबलेट आदि पर पाबंदी है। हालांकि, एनालॉग घड़ी के बारे में क्या? वह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण नहीं है। नेशनल टीम चैंपियनशिप 2020 में, भास्करन अधिबन को एनालॉग घड़ी पहनने के लिए हारा घोषित कर दिया गया । वास्तव में क्या हुआ और यह निर्णय क्यों दिया गया? हमनें पता लगाया पढे सागर शाह के लेख का हिन्दी मे अनुवाद
आखिरकार हुआ क्या ?
अधिबन भास्करन (2654) भारत के शीर्ष खिलाड़ियों में से एक अपनी टीम पीएसपीबी के लिए नेशनल टीम चैंपियनशिप में पहले बोर्ड पर खेल रहे है । उन्होने पहले राउंड में एक अच्छा मुक़ाबला खेला और दूसरे राउंड में विश्राम लिया । तीसरे राउंड में वह वापस खेलने के लिए उतरे और उनके सामने थे रेल्वे के सीआरजी कृष्णा
मैच 1. d4 से शुरू हुआ और हमेशा की तरह अधिबन नें स्थिति में कुछ असंतुलन पैदा करने की कोशिश की और शुरुआत से ही अपने h प्यादे को बढ़ना शुरू कर दिया !
CRG Krishna vs B. Adhiban, National Teams Round 3
इस स्थिति में सीआरजी नें से जबाब दिया और अधिबन नें इसके बाद जबाब दिया ...Nc6. इसके बाद मैच का लाइव प्रसारण रुक गया और कुछ देर बाद 1-0 परिणाम दिखाई पड़ने लगा .
आखिर अधिबन मैच क्यूँ हारे ?
पहली बात जो इस परिणाम को देखने के बाद सबके जहन में आई वह थी की जरूर कुछ समस्या मैच के सीधे प्रसारण में होगी जैसा की कई बार देखने को मिलता है । पर परिणाम नहीं बदला और इसके बाद खोजबीन करने पर पता चला की अधिबन अपनी नौवि चाल चलकर ही मुक़ाबला हार गए । दरअसल सीआरजी नें अधिबन के हाथ में घड़ी देखी और इसके बारे में निर्णायक को बताया और नियम के अनुसार अधिबन को हारा घोषित कर दिया गया
घड़ी जो मैच के दौरान अधिबन नें पहनी थी जो आज समय तो सही बता रही थी पर परिणाम अधिबन के लिए सही नहीं लाई
क्या हाथ में घड़ी पहनना आपसे मैच का अंक छीन सकता है ?
आइये फीडे के इस नियम पर नजर डालते है :
विश्व शतरंज के नियम 11.3.2.1 के अनुसार खेल में चीटिंग रोकने के लिए खिलाड़ियों को ईलेक्ट्रोनिक डिवाइस जिसे खासतौर पर निर्णायक नें अनुमति ना दी हो उसे प्रतियोगिता हाल में पहनना ,अपने पास रखना और ले जाना वर्जित है और नियम 11.3.2.2 के अनुसार अगर खिलाड़ी के पास ऐसा कुछ पाया जाता है तो उसे हारा घोषित कर दिया जाएगा खैर अधिबन के मामले में उन्होने एक एनलॉग घड़ी पहनी हुई थी फिर उन्हे हारा क्यूँ घोषित कर दिया गया ?
दरअसल जब कुछ साल पहले इस नियम को बनाया गया भारत में इलेक्ट्रोनिक और एनलॉग घड़ी के बीच अंतर स्थापित करने में समस्या आने लगी और ऐसे में कई गैर जरूरी अपील होने लगी और इसीलिए एआईसीएफ़ नें फीडे से एक कदम आगे जाते हुए सभी तरह की घड़ियों को भारत के टूर्नामेंट में पहनने पर रोक लगा दी
खैर रोचक बात यह है की इस बार नेशनल टीम चैम्पियनशिप के सर्कुलर जिसे AICF website में लगाया गया था इस नियम का खासतौर पर जिक्र नहीं था हालांकि निर्णायकों नें राउंड 1 के पहले इस नियम के बारे में टीम मीटिंग में चर्चा कर ली थी
क्या कहा अधिबन नें घटना के बाद ?
चेसबेस इंडिया से बातचीत करते हुए अधिबन नें कहा "मैं अभी अभी जिब्राल्टर से लौटा हूँ । वहाँ पर हर तरह की घड़ियाँ पहनने की अनुमति थी । मैं पूरी तरह से अभी अपने सोने उठने के समय को व्यवस्थित नहीं कर पाया हूँ और ऐसे में मैं इस नियम को बिलकुल भूल गया था । मेरे विरोधी नें जीत के लिए अपील की और यहाँ इसमें मैं कुछ कर नहीं सकता था " वॉकओवर से अलग इस तरह के नियम के कारण हार से आपको रेटिंग अंक भी गवाने पड़ते है और 2654 जैसी ऊंची रेटिंग में अधिबन को 7.7 अंक का नुकसान उठाना पड़ा जो की इस स्तर पर बड़ी बात है । खैर हमेशा ही सकारात्मक रहने वाले अधिबन नें कहा "मैं खुश हूँ की मेरी हार के बाद भी मेरी टीम जीत गयी ( पीएसपीबी नें रेल्वे बी को 2.5-1.5 से हराया )। मैं अच्छा खेल रहा हूँ और यह मेरी रेटिंग से ज्यादा महत्वपूर्ण है " अधिबन नें यह भी बताया की विश्व रैपिड - ब्लिट्ज़ और बातुमि ओलंपियाड 2018 में घड़ियों को पहनने की अनुमति नहीं थी । हालांकि टाटा स्टील मास्टर्स और जिब्राल्टर जैसे टूर्नामेंट में इस तरह का कोई नियम नहीं रहता । "मुझे उम्मीद है की भारत में घड़ी पहननें की वजह से मैच हारने का यह आखिरी मामला होगा "अधिबन नें कहा "खिलाड़ियों को मेरी हार से सबक लेना चाहिए और इसे तरह अंक नहीं गवाना चाहिए "
इस घटना से हम क्या सीख सकते है ?
लोग मोबाइल फोन को लेकर तो अब काफी सावधान रहते है ,या तो वो उसे अपने कमरे में ही छोड़ कर जाते है या फिर मैच के पहले निर्णायकों के पास या व्यवस्थापको के पास रख देते है । हालांकि जब बात हाथ घड़ी की बात आती है तो हम उतने सतर्क नहीं रहते है । सुरक्षित तो यही होगा की हम भारत में होने वाले मैच में घड़ी पहनकर ही ना जाए पर अगर आप घड़ी पहनने के आदी है तो आपको टूर्नामेंट की जानकारी अच्छे से पढ़ना चाहिए ,खिलाड़ियों की मीटिंग में भाग लेना चाहिए और निर्णायकों से इस नियम के बारे में साफ बातचीत टूर्नामेंट के पहले कर लेनी चाहिए । एक छोटी सी असावधानी प्रतियोगिता में आपकी रैंकिंग में बड़ा अंतर पैदा कर सकती है तो सावधान रहे और अधिबन की हार से सीखे ।
देखे अधिबन की हार पर हिन्दी चेसबेस इंडिया का यह विडियो
इस लेख में खास सहयोग के लिए आईए गोपाकुमार को धन्यवाद
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