भारत के सुनहरे भविष्य का संकेत : निहाल -प्रग्गानंधा
भारतीय शतरंज की अगली पीढ़ी अब परिपक्व होने की ओर बढ़ रही है और अभी सम्पन्न हुए फीडे ऑनलाइन शतरंज ओलंपियाड नें इस दिशा मे बड़ा योगदान दिया है । फीडे द्वारा जूनियर खिलाड़ियों को टीम मे शामिल किए जाने का निर्णय भारत के लिए जैसे वरदान साबित हुआ और दुनिया भर मे अपने युवा खिलाड़ियों के लिए प्रसिद्ध भारत अचानक से इस ओलंपियाड की सबसे महबूत दावेदार टीम मे शुरुआत से ही शामिल हो गया था । भारत के बालक वर्ग से खेलने वाले निहाल सरीन और प्रग्गानंधा के चर्चे तो वैसे उनके इंटरनेशनल मास्टर बनते ही होने लगे थे पर पिछले दो साल मे ना सिर्फ वह ग्रांड मास्टर बने बल्कि जिस तेजी से 2600 के पार पहुँचें वह अपने आप मे परिपक्वता की निशानी थी । पर इस फीडे ओलंपियाड मे विश्वनाथन आनंद जैसे बड़े नामों के बीच भी इन दोनों नें अपनी बहुत चमक बिखेरी है ! आइये देखे इनका प्रदर्शन और पढे यह लेख
कहते है की किसी भी देश का भविष्य उसकी आने वाली पीढ़ी पर निर्भर करता है। भारतीय शतरंज टीम का भविष्य कहे जा रहे दुनिया के सबसे युवा ग्रांड मास्टरों मे शामिल 15 वर्षीय आर प्रग्गानंधा और 16 वर्षीय निहाल सरीन नें भारतीय शतरंज टीम को पहला शतरंज ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने मे खास भूमिका अदा की , विश्व शतरंज संघ द्वारा जूनियर खिलाड़ियों को टीम मे शामिल करने का सबसे बड़ा फायदा भारत को ही हुआ । दोनों खिलाड़ियों नें मिलकर पूरे टूर्नामेंट मे भारत के लिए 13 मैच मे 10.5 अंक बनाए और एक बेहद परिपक्व खिलाड़ी की तरह खेले । आइये देखते है कैसा रहा इन दोनों खिलाड़ियों का प्रदर्शन ।
बात करे प्रग्गानंधा की तो ग्रुप चरण मे वह टीम के सबसे बड़े खिलाड़ी बनाकर उभरे और 5 मे से 5 अंक बनाकर उन्होने खासतौर पर चीन के खिलाफ जीत मे बड़ी भूमिका निभाई ।
सेमी फाइनल मे पोलैंड के खिलाफ वह एक बाजी हारे तो फाइनल मे रूस के खिलाफ उन्होने बाजी ड्रॉ खेली कुल मिलाकर उन्होने 7 मैच से टीम के लिए 5.5 अंक जुटाये प्रग्गानंधा नें कहा “मुझे बेहद खुशी है की मैं इस टीम का हिस्सा हूँ विश्वनाथन आनंद और अन्य सभी सीनियर के साथ खेलना एक सपना था ,कप्तान विदित गुजराती और उपकप्तान श्रीनाथ नारायणन नें मुझे बहुत सहयोग किया और जिस तरह से हमें प्रशंसको को प्यार मिला वह असाधारण था “
निहाल सरीन की बात करे तो ग्रुप चरण मे निहाल नें 4 मैच खेलकर दो जीते दो ड्रॉ खेले जबकि क्वाटर फाइनल मे उन्होने अर्मेनिया के खिलाफ महत्वपूर्ण जीत दर्ज की तो पोलैंड के खिलाफ भी सेमी फाइनल मे वह जीते जबकि फाइनल मे रूस के खिलाफ उनकी बाजी रद्द हुई तो उस लिहाज से देखे तो निहाल पूरे टूर्नामेंट मे अविजित रहे और कुल 6 मैच खेलकर 5 अंक बनाए ।
निहाल नें कहा मैं अपनी पूरी टीम को इस असाधारण उपलब्धि के लिए बधाई देता हूँ ,हमारी टीम मे हर किसी नें शानदार शतरंज खेला और हम जीत के हकदार थे ,मेरे लिए सम्मान की बात है की मैं महान खिलाड़ियों से भरी इस टीम का हिस्सा बन सका खासतौर आनंद जी का टीम मे होना एक सपना है ,