सेंट्स इंटरनेशनल - जीत कर भी नहीं जीते खिताब भारत के हर्षा !
जब आप किसी चीज के सबसे ज्यादा हकदार हो और आपने उसके लिए हरसंभव सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और फिर भी वह किसी और को दे दी जाये तो आपको कैसा लगेगा । भारत के पूर्ण नेशनल जूनियर चैम्पियन हर्षा भारतकोठी के साथ कुछ ऐसा ही हुआ । स्पेन के बार्सिलोना में हर वर्ष होने वाले प्रसिद्ध सेंट्स इंटरनेशनल में वह अंतिम राउंड तक बेहतर टाईब्रेक के आधार पर बढ़त पर थे और अंतिम राउंड जीतने के बाद वह खिताब जीतने के बारे में निश्चिंत थे और कुछ देर के लिए मैच स्थल पर मोजूद नहीं थे पर जब वह पुरूष्कार वितरण के लिए वापस आए तो उन्हे बताया गया की विजेता जर्मनी के नील मेक्सिमिलियन होंगे तो यह हर्षा के लिए एक बड़ा झटका था पर यह सब कैसे हुआ पढे यह लेख ।
एक नियम नें छीना हर्षा से सेंट्स इंटरनेशनल का खिताब
स्पेन के सबसे प्रसिद्ध सेंट्स इंटरनेशनल के इस 21 वे संस्करण मे दुनिया भर के 44 देशो के 346 खियालड़ियों नें भाग लिया
शानदार और खचाखच भरा हुआ यह मैच स्थल अपने महत्व की कहानी स्वयं कहता है
खैर आप आते है असली बात पर दरअसल ऐसा क्या हुआ जिसकी वजह से हर्षा को खिताब से हाथ धोना पड़ा ?
भारत के पूर्व नेशनल जूनियर चैम्पियन हर्षा भारतकोठी नें शानदार प्रदर्शन करते हुए बार्सिलोना केटलन लीग का सबसे बड़ा मुक़ाबला भारत के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन का गवाह बना । भारत के हर्षा भारतकोठी 10 राउंड मे 8.5 अंक बनाकर सयुंक्त विजेता बने उनके साथ जर्मनी के नील मेक्सिमिलियन भी 8.5 अंक बनाकर सयुंक्त पहले स्थान पर रहे । हर्षा नें खेले 10 मुकाबलों में 8 जीत और एक ड्रॉ और 1 हार के साथ 8.5 अंक बनाए उन्होने 2640 का प्रदर्शन करते हुए अपनी अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग में 17 अंक भी जोड़े । अंतिम राउंड के पहले तक हर्षा टाईब्रेक में काफी आगे चल रहे थे और इस लिहाज से अंतिम राउंड ड्रॉ करने पर भी उनकी ख़िताबी जीत सुनिश्चित नजर आ रही थी
अंतिम राउंड में जब उनके प्रतिद्वंदी जर्मनी के नीफ मक्सीमीलियन नें उनसे ड्रॉ पूछा तो उन्होने इसे आसानी से स्वीकार कर लिया क्यूंकी उन्हे लगा की उनका विजेता बनना तय है पर दरअसल ऐसा नहीं था टूर्नामेंट के नियमों में कुछ ऐसा था जो हर्षा को पता नहीं था
केटलन भाषा में लिखे इस नियम को हर्षा ठीक से नहीं पढ़ पाये और अपना नुकसान कर बैठे पर यह नियम था क्या
मतलब की टाई होने की स्थिति में दो ब्लिट्ज़ मुक़ाबले ( 5+3) के खेले जाएँगे और अगर परिणाम नहीं निकलता तो अरमागोदेन का मुक़ाबला खेला जाएगा और यह मैच रविवार 1 सितंबर को 5 बजे शाम से खेला जाएगा
— Harsha Bharathakoti (@Harsha_Chess) September 1, 2019
हर्षा ने अपने ट्विटर पर इस घटना के बारे में विस्तार से लिखा है और इसे अपने जीवन में एक बड़ी सीख मानते हुए आगे बढ्ने का निर्णय लिया है जो उनकी बड़ी शख्सियत को दर्शाता है साथ ही यह सीख हर उस खिलाड़ी के लिये है जो भारत के बाहर कई मुक़ाबले खेलते है
तो भले ही इस बार खिताब हर्षा के हाथ से चला गया हो उम्मीद है बह आगे अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखेंगे
अन्य भारतीय खिलाड़ियों में
भारत के ही कॉमनवेल्थ चैम्पियन वैभव सूरी 8 अंक बनाकर चौंथे स्थान पर रहे उन्होने भी प्रतियोगिता मे बेहद शानदार शतरंज खेली राउंड 9 में एक शानदार जीत देखे
तो शीर्ष 10 में उनके अलावा भारत के युवा इंटरनेशनल मास्टर आरए हरीकृष्णन 7.5 अंक बनाकर शीर्ष 10 में नौवे स्थान पर रहे ।
अर्जुन कल्याण 7 अंक बनाकर 13 वे स्थान पर रहे तो...
अभिमन्यु पौराणिक भी 7 अंक बनाकर 16 वे स्थान पर रहे
सीआरजी कृष्णा भी 7 अंक बनाकर 19 वे स्थान पर रहे
हरिका रही महिलाओं में सयुंक्त पहले स्थान पर विश्व नंबर 10 महिला खिलाड़ी भारत हरिका द्रोणावल्ली वैसे तो बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकी और ओवरऑल 7 अंक बनाकर 26वे स्थान पर रही पर महिला खिलाड़ियों में वह बुल्गारिया की अंटोवा गबरियाला के साथ सयुंक्त पहले स्थान पर रही । हरिका वैसे तो प्रतियोगिता में एक भी मुक़ाबला नहीं हारी पर 6 मुक़ाबले ड्रॉ करने की वजह से उन्हे 4 अंक रेटिंग का नुकसान जरूर हुआ ।
इस टूर्नामेंट के सभी मुक़ाबले देखे