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ऑस्ट्रेलियन यंग मास्टर में प्रग्गानंधा को चौंथा स्थान !

by Niklesh Jain - 08/12/2017

भारत के नन्हें प्रग्गानंधा ऑस्ट्रेलिया में सम्पन्न हुई यंग मास्टर्स जीएम शतरंज प्रतियोगिता में चौंथे स्थान पर रहे है । प्रग्गु नें वैसे तो अच्छे मुक़ाबले खेले पर वह ग्रांड मास्टर नार्म हासिल नहीं कर सके खैर  12 वर्षीय इस प्रतिभा के हर मुक़ाबले पर विश्व शतरंज की नजर लगी हुई है की क्या वह मार्च 2018 तक अपने बचे दो ग्रांड मास्टर नार्म हासिल करके मौजूदा विश्व ब्लिट्ज़ चैम्पियन सेरजी कर्जाकिन का सबसे कम उम्र के ग्रांड मास्टर बनने का विश्व रिकॉर्ड तोड़ पाएंगे खैर प्रग्गानंधा के पास अभी कई बड़े मैच है और उनके लिए यह कोई असंभव काम भी नहीं पर अगर वह यह नहीं भी कर पाते है तो भी वह भविष्य के बड़े खिलाड़ी है यह बात तो खुद पाँच बार के विश्व चैम्पियन विश्वनाथन आनंद भी मानते है । खैर भारत की आर वैशाली नें भी यंग मास्टर्स आईएम नार्म टूर्नामेंट में दूसरा स्थान हासिल किया है । पढे यह लेख 



एडिलेड ,ऑस्ट्रेलिया (निकलेश जैन ) भारत के नहीं दुनिया के सबसे कम उम्र के ग्रांड मास्टर बनने की कगार पर खड़े आर प्रग्गानंधा औस्ट्रेलियन यंग मास्टर में 9 मैच में 3 ड्रॉ और 5 ड्रॉ के साथ  5.5 अंक बनाते हुए चौंथे स्थान पर रहे है ।

 

Thanks for Photo: Sabrina Koetsier/chesslife )

विश्व जूनियर चैंपियनशिप जीतने के काफी करीब पहुँचने वाले प्रग्गानंधा  को अपने तीन ग्रांड मास्टर नार्म में से दूसरा नार्म हासिल करने के लिए यहाँ 7 अंको की जरूरत थी पर वह 1.5 अंक के फासले से ऐसा करने से चूक गए ।

प्रतियोगिता के विजेता 6.5 अंक के साथ अजरबैजान के इज्जत कानन रहे ....

6.5 अंको के साथ ही आस्ट्रेलिया के चेंग बॉबी दूसरे स्थान पर रहे तो तीसरा स्थान रूस के वेसली पोपिन को मिला ।प्रग्गानंधा के लिए पहले राउंड में आस्ट्रेलिया के ग्रांड मास्टर मौलथुन और पांचवे राउंड में आस्ट्रेलिया के ही इंटरनेशनल मास्टर  के अरी डाले पर जीत बेहद खास रही ।

पहले से ही  अपनी रेटिंग को 2500 अंक के उपर पहुंचा सके प्रग्गानंधा को दुनिया का सबसे कम उम्र के ग्रांड मास्टर बनने के लिए अगले तीन माह में दो और ग्रांड मास्टर नार्म की जरूरत है । 

क्या प्रग्गानंधा मार्च 2018 तक अपने दोनों ग्रांड मास्टर नार्म हासिल का लेंगे ! इस पर ही सबकी नजर भले है और वह एक शानदार प्रतिभा है इसमें कोई संदेह नहीं है 

आर वैशाली नें इंटरनेशनल मास्टर प्रतियोगिता में खेलते हुए दूसरा स्थान हासिल किया 

एक असाधारण भारतीय माँ जिसने अपने बच्चो के लक्ष्य को अपना जीवन बना दिया है !

इन दोनों भारतीय प्रतिभाओं पर सिर्फ भारतीय ही नहीं दुनिया भर की नजरे लगी हुई है !




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